
Mola Ali quotes in hindi
जिस शख्श के दुश्मन न हो सभी दोस्त हो, उस जैसा मुनाफ़िक़ कोई नहीं। क्योंकि दुश्मन उसके होते है, जो हक़ की बात करता है। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
इल्म वह खज़ाना है जिस का ज़ख़ीरा बढ़ता ही रहता है । – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
जब तुम बेगैर किसी वज़ह से ख़ुशी महसूस करो तो यक़ीन कर लो कि कोई न कोई किसी न किसी जगह जगह आपके लिये दुआ कर रहा है। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
मुश्किलतरीन काम बेहतरीन लोगों के हिस्से में आते है क्योंकि वो उसे हल करने की सलाहियत रखते है । – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
अक्लमंद अपने आप को नीचा रखकर बुलंदी हासिल करता है और नादान अपनेआप को बड़ा समझ कर ज़िल्लत उठता है । – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
कम खाने में सेहत है, कम बोलने में समझदारी है और कम सोना ईबादत है । – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
जहां तक हो सके लालच से बचो, लालच में ज़िल्लत ही ज़िल्लत है । – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ़ का अंदाज़ा न कर सके उसके सामने ज़ुबान से इज़हार करना सिर्फ लफ्ज़ो को बर्बाद करना है । – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
जिसकी अमीरी उसके लिबास में हो, वो हमेशा फ़क़ीर रहेगा, और जिसकी अमीरी उसके दिल में हो वो हमेशा सुखी रहेगा है । – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
हमेशा उस इंसान के करीब रहो जो तुम्हे खुश रखे, लेकिन उस इंसान के और भी करीब रहो, जो तुम्हारे बगैर खुश न रह पाए । – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
खूबसूरत इंसान से मोहब्बत नहीं होती बल्कि जिस इंसान से मुहब्बत होती है वो खूबसूरत लगने लगता है। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
दौलत को कदमो की खाक़ बनाकर रखो क्योकि जब खाक़ सर पर लगती है तो वो कब्र कहलाती है। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
झूठ बोलकर जीतने से बेहतर है सच बोलकर हार जाओ । – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
जब तुम्हारी मुखालिफत हद से बढ़ने लगे तो समझ लो कि अल्लाह तुम्हे कोई मुकाम देने वाला है। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
इल्म की वज़ह से दोस्तों में इज़ाफ़ा होता है, दौलत की वजह से दुश्मनों में इज़ाफ़ा होता है। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
अगर किसी के बारे में जानना चाहते हो तो पता करो कि वह शख्स किसके साथ उठता बैठता है। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
राज्य का खज़ाना और सुविधाएं मेरे और मेरे परिवार के उपयोग के लिए नहीं है , मैं बस इनका रखवाला हू . – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
किसीका ऐब तलाश करने वाले की मिसाल उस मख्खी के जैसी होती है जो सारा खूबसूरत जिस्म छोड़ कर सिर्फ ज़ख्म पर बैठती है। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
पूर्ण विश्वास के साथ सोना संदेह की स्तिथि में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
जिसको तुमसे सच्चा प्रेम होगा वह तुमको व्यर्थ और नाज़ायज़ कामों से रोकेगा। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
जब मेरा जी चाहता है कि मैं अपने रब से बात करू तो मैं नमाज़ पढता हू . – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
किसीकी आँख तुम्हारी वज़ह से नम न हो क्योकि तुम्हे उसके हर एक आँसू का क़र्ज़ चुकाना होगा। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
कभी तुम दुसरो के लिए दिल से दुआ मांग कर देखो तुम्हे अपने लिए मांगने की जरुरत नहीं पड़ेगी। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
जो इंसान सज़दो में रोता है, उसे तक़दीर पर रोना नहीं पढ़ता। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)
गरीब वो है जिसका कोई दोस्त न हो। – हज़रत अली (करम अल्लाहो वज़हुल करीम)